आओ मोहन मदन मुरारी रे।
बृज क मांही बाट निहारे सखियाँ सारी रे।।
जमुना जी के तट पर मोहन सखियाँ सारी आई,
चम्पा चमेली छैल छबीली ले री सब अँगड़ाई।
संग में आगी राधा प्यारी रे,
बृज क मांही बाट निहारे सखियाँ सारी रे।।
आओ मोहन मदन मुरारी रे।
बृज क मांही बाट निहारे सखियाँ सारी रे।।
धेनु चराओ रास रचाओ आओ नन्द किशोर,
रुक्मण के भरतार कन्हैया राधा के चित्त चोर।
थां पर जावां मे बलिहारी रे,
बृज क मांही बाट निहारे सखियाँ सारी रे।।
आओ मोहन मदन मुरारी रे।
बृज क मांही बाट निहारे सखियाँ सारी रे।।
सखियाँ हुई अधीर कन्हैया बेगा सा थे आओ,
ग्वाल बाल न संग म लेकर बृज म रास रचाओ।
थांकी बंशी कामन गारी रे,
बृज क मांही बाट निहारे सखियाँ सारी रे।।
आओ मोहन मदन मुरारी रे।
बृज क मांही बाट निहारे सखियाँ सारी रे।।
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गायक - नाथूसिंह शेखावत
बाड़ी जोड़ी (शाहपुरा) जयपुर
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Ajitgarh (Sikar) Rajasthan
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