Sunday, 1 January 2017

ओ कल्कि कलयुग के अवतारी.....कल्कि अवतार भजन

ओ कल्कि कलयुग के अवतारी। - २
करके आजा अश्व सवारी।।

जिसके दर्शन को तरसे कोटि कोटि जीवधारी।
उसी धरा पर आ जाओ संभल के राजधारी।।

बीत गए युग तुम ना आये बनकर अवतारी.....

ओ कल्कि कलयुग के अवतारी। - २
करके आजा अश्व सवारी।।

भाई न भाई ना समझे ना माता पिता।
हिंदुओं की लाज बचाले आ गई कलयुगी विपदा।।

बीच राह तुझे पुकारे या लुटती अबला नारी.....

ओ कल्कि कलयुग के अवतारी। - २
करके आजा अश्व सवारी।।

अब रहा नहीं गायों का रखवाला।
चारों तरफ हो गया कत्लखानों में बोलबाला।।

कटती गायें तुझे पुकारे आजा मोहन मदन मुरारी.....

ओ कल्कि कलयुग के अवतारी। - २
करके आजा अश्व सवारी।।

तुम्हें पुकारे हम सब स्वामी तुम हो करुणा सागर।
घोर विपत्ति घनघोर अँधेरा है कलयुगी भवसागर।।

फंसे हैं मायाजाल भँवर में करके अत्याचारी.....

ओ कल्कि कलयुग के अवतारी। - २
करके आजा अश्व सवारी।।

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Shree Ram Building Contractor
Ajitgarh (Sikar) Rajasthan

Manish Saini
Jagdish Puri Mod, Shahpura Road, Riico Industries Area, Ajitgarh (Sikar) Rajasthan

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